अदना सी तवक़्क़ो से बहल जाता है
हर चोट नई खा के संभल जाता है
हस्सास मगर इतना कि छू ले कोई बात
दिल धक से कलेजे से निकल आता है।
अदना सी तवक़्क़ो से बहल जाता है
हर चोट नई खा के संभल जाता है
हस्सास मगर इतना कि छू ले कोई बात
दिल धक से कलेजे से निकल आता है।