Last modified on 9 अक्टूबर 2011, at 14:54

आँखों की नमी / भुवनेश्वर

आँखों की नमी एक अजीब अफ़वाह फैलाती है
पिघलते हुए दिल की
और पसीजती रोटी की...

पत्थर में एक हीरा जनप्रिय कहानी है
और पत्थर दिल में से
उपजती पसीजती नम आँखों वाली रोटी की...

ग़रीबी का मूसल मौसम का मौसम है ?
और सहनशीलता की शान्ति
नई सुबह की शुरूआत

अँग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश बक्षी