Last modified on 16 अक्टूबर 2013, at 11:15

खुशी / शशि सहगल

कव सवेरे
मुंडेर पर बैठी चिड़िया
चहक रही थी।
अपनी ही थी उसकी खुशी।

दर्द को छिपाने की
कहीं कोई कोशिश नहीं थी उसमें।