(राग भैरवी-ताल कहरवा)
द्वेष-रहित, जो मित्र सभीका, दीन-दुःखितों का आधार।
ममता-अहं-शून्य, सम निज सुख-दुःख, क्षमी-वह संत उदार॥
(राग भैरवी-ताल कहरवा)
द्वेष-रहित, जो मित्र सभीका, दीन-दुःखितों का आधार।
ममता-अहं-शून्य, सम निज सुख-दुःख, क्षमी-वह संत उदार॥