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धनिया चलेली नैहरबा / ब्रह्मदेव कुमार

बलम- धनियाँ चलली नैहरबा, बलम सिसकी लैकेॅ रोबै हो।
धनी- मानोॅ तों हमरोॅ कहनमां बलम, नै तेॅ जैभों नैहरबा हो॥

बलम- बागोॅ में रोबे, बगीचवोॅ में रोबै।
अमुवां के डार धरी रोबै, बलम सिसकी लैकेॅ रोबै हो॥

धनी- गाम्हैं में चललै, साक्षरता अभियनमां
पढ़ै-लिखै लेॅ तरसै परणमां।
पढ़ै-लिखै लेॅ हम्हूँ जैभौं बलम, नै तेॅ जैभों नैहरबा हो॥

बलम- कोठे पे रोबै, कोठरियो पेॅ रोबै।
खिड़की केॅ छोॅड़ धरी रोबै, बलम सिसकी लैकेॅ रोबै हो॥

धनी- पढ़ै-लिखै में टको-पैसो नै लगै छै
काॅपी-किताब सिलोठ-पेंसिलोॅ मिलै छै।
एकरोॅ पेॅ की छौं बोलोॅ मनमां बलम, नै तेॅ जैभों नैहरबा हो॥

बलम- सेजोॅ पेॅ रोबै, सेजरियो पेॅ रोबै।
तकिया पेॅ छाती धरी रोबै, बलम सिसकी लैकेॅ रोबै हो॥

धनी- पढ़ै लेॅ बड़कियो-मंझलियोॅ जाय छै
मुन्नी दीदी कŸोॅ बढ़ियाँ पढ़ाय छै।
भेजबोॅ तेॅ भेजोॅ तोंय हमरो बलम, नै तेॅ जैभों नैहरबा हो॥



बलम- गछियोॅ लेॅ रोबै, विरिछियोॅ लेॅ रोबै।
लतबा के पात धरी रोबै, बलम सिसकी लैकेॅ रोबै हो॥

धनी- कŸोॅ राखै छियौं, तोरोॅ हम्में मनमां
समझोॅ-बूझोॅ पिया, मन के सपनमां।
पुरथौं जे आश-अरमान बलम, नै तेॅ जैभों नैहरबा हो॥

बलम- नैहरोॅ जाय के नाम, नै लेॅ तोंय धनी
जैह्योॅ पढ़ै लेॅ-लिखै लेॅ हे धनी।
धनियाँ चलली पढ़ै लेॅ
बलम देखी-देखी जे मुसकै हो॥

धनी- कŸो तों मानै छोॅ, हमरा तों पिया
हम्हूँ पढ़भै आरो साथैं पढ़तै धिया।
बदली जैतै हमरोॅ जिनगी बलम,
नै जैबै नैहरबा हो॥

बलम- धनियाँ चलली पढ़ै लेॅ।
बलम देखी-देखी जे मुसकै हो॥

धनी- हम्हूँ जैबै पढ़ै-लिखै लेॅ बलम।
नै जैबै नैहरबा हो॥