नीले पर नीले की
छाया है
धूसर को जाता श्याम
सलेटी काले पर,
पावें हैं आसमान की ठहरी
समय के बीच बँधी
धीरे-धीरे जल बहता है।
नीले पर नीले की
छाया है
धूसर को जाता श्याम
सलेटी काले पर,
पावें हैं आसमान की ठहरी
समय के बीच बँधी
धीरे-धीरे जल बहता है।