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मायरा / 4 / राजस्थानी

बीरां म्हारां माथा ने रखड़ी ल्याओ सा। म्हारो टीको रतन जड़ाओ सा।
बीरां घणी से छवि म्हारे आज्यो, भावज ने साथ में ल्याओ सा।
सिरदार भतीजा साथे ल्याओ जी म्हारे थै सा।
बीरां म्हारां काना में झूमर ल्याज्यो, म्हारा झाला रतन जड़ाजो सा।
बीरां घणी छवि से म्हारे आजो।
(अंत में) बीरां म्हारे अंग में साड़ी ल्याजो,
म्हारी चून्दड़ पे गोटा लगाओ सा, बीरां घणी छवि से म्हारे आजो सा।