Last modified on 29 जून 2011, at 07:41

या बिधि की सोभा निरखि / शृंगार-लतिका / द्विज

दोहा
(वन-शोभा वर्णन)

या बिधि की सोभा निरखि, तन-मन गयौ भुलाइ ।
बन मैं यह लीला-ललित, ता चिन प्रगटी आइ ॥१४॥