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रात बारह बजे / सुबोध सरकार / मुन्नी गुप्ता / अनिल पुष्कर

मैदान से
पेड़ों की आड़ से
फोर्ट विलियम से
दूसरे सेतु के नीचे से
ईडन गार्डन से
आठ युवक आकर खड़े हो गए सामने !

पहले आदमी का नाम सुबोध सरकार
दूसरे आदमी का नाम सुबोध सरकार
तीसरे आदमी का नाम सुबोध सरकार
आठों ही थे सुबोध सरकार

उन लोगों ने एकस्वर से कहा : चलो, घर लौट चलो
सुनसान रेडरोड पर सुनी गई प्रतिध्वनि, ‘चलो, घर चलो’

इसका मतलब अभी भी हैं वे आठ लोग ?
वे लोग इसी शहर में हैं ? कर्जन पार्क में ही ?

रात बारह बजे रेडरोड
टालीगँज लौट चले आठों भूत ।

मूल बाँग्ला से अनुवाद : मुन्नी गुप्ता और अनिल पुष्कर