Last modified on 8 जून 2014, at 21:18

सकल विश्व में रम रहे लीलामय श्रीराम / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग माँड़-ताल कहरवा)

सकल विश्वमें रम रहे लीलामय श्रीराम।
विविध रसमयी हो रही लीला सदा ललाम॥