{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ हम अपनी पुश्त पर खुली बहार ले के चल दिए / याक़ूब यावर]]* [[जो तू नहीं तो मौसम-ए-मलाल भी न आएगा / याक़ूब यावर]]* [[मिरी दुआओं की सब नरमगी तमाम हुई / याक़ूब यावर]]* [[रौशनी मेरे चराग़ों की धरी रहना थी / याक़ूब यावर]]* [[शहर-ए-सुख़न अजीब हो गया है / याक़ूब यावर]]* [[सुख़न को बे-हिसी की क़ैद से बाहर निकालूँ / याक़ूब यावर]]