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अपनी आंखों को चार कर लेना / अभिषेक कुमार अम्बर
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15:35, 17 मार्च 2018
ख़्वाब कितने दिखा गई मुझको।
करके वादा सदा हंसाने का,
आज
वो
तू
भी रुला गई मुझको।
</poem>
Abhishek Amber
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