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{{KKRachna
|रचनाकार=मनोहर 'साग़र' पालमपुरी
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<poem>
आ गया मधुमास लेकिन
फूल क्यों मुरझा रहा है
आ गया मधुमास लेकिन
फूल क्यों मुरझा रहा है
<ଯଜଦାସ/poem>