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नाम तो उसका ज़ाफ़र है / कृष्णमोहन झा

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डाक्साब, नाम तो उसका ज़ाफ़र है
लेकिन इतना विनम्र
और इतना तेजस्वी है लड़का
कि लगता ही नहीं कि वह ज़ाफ़र है

कहीं भी देख ले
आकर सबसे पहले चरण स्पर्श करता है

और माँस-मछली के भक्षण की बात तो जाने दीजिए
कहता है कि अण्डे से भी बास आती है

और सर्वाधिक आश्चर्य की बात तो ये सुनिए-
अपने प्रस्तावित शोधोपाधि के लिए जो विषय चुना है उसने
वह कबीर या रसखान या जायसी नहीं
बल्कि अपने बाबा तुलसी हैं

…जी,जी हाँ…
बिल्कुल ठीक कहा आपने
कमल तो सदैव कीचड़ में ही खिलता है……