Last modified on 9 नवम्बर 2009, at 19:24

जब चली रेल / इब्बार रब्बी

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:24, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जब चली रेल तो रुलाई आई!
छूट रही है दिल्ली,
खुसरो का पीहर।
निजामुद्दीन औलिया,
यमुना पुल, मिंटो ब्रिज और
प्रगति मैदान।
छूट रहा है घर, अपना जीवन,
जब चली रेल तो वर्षा आई,
गलने लगी स्मृति, झपने लगी आँख
दिल्ली! बहुत याद आई।

रचनाकाल : 03.07.1990