Last modified on 3 मई 2017, at 12:35

रंग दे धानी ,चुनर मेरी / सपना मांगलिक

रंग दे धानी, चुनर मेरी रंग दे धानी
चढ़ा शीश मातृभूमि पर अपनी
अमर करें जवानी
चुनर मेरी रंग दे धानी
नस-नस में भड़काएं शोले
काँप उठे यह नभ फिर
डगमग-डगमग धरती डोले
गिरें धडाधड सीमा पर दुश्मन
तडतड छूटें बम गोले
फिर से तुम्हे पुकार रही है
भगत बिस्मिल की वाणी
चुनर मेरी रंग दे धानी
मैले आँचल में सिमटी सी
भारत माता सिसक रही
लहू बहाकर अपना रंग दो
चुनरी इसकी बदरंग हुई
नेताजी, आजाद, तिलक की
दोहरायें शोर्य कहानी
भारत माता बनेगी फिर से
इस धरती की रानी
चुनर मेरी रंग दे धानी
मत भूलो तुम याद रखो
शहीदों की कुर्बानी
चुनर मेरी रंग दे धानी
चुनर मेरी रंग दे धानी