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`होली’हाइकु/रमा द्विवेदी
Kavita Kosh से
१- हँसी ठिठोली,
चितचोर की होली
राधा लजाई ।
२- गुलाबी ठंड़
रंगों की बरसात
अंगिया भीगी ।
३- प्रेम का रंग
राधा कान्हा मगन
चूनर लाल ।
४- उगती धूप
गुनगुनाती धरा
आया वसंत ।
५- अमवा डाल
कूकती कोयलिया
प्रिय की प्यास ।
६- मन उदास
प्रिय परदेश
गरजे मेघ ।
७- जिया धड़के
घन-घन बरसे
पलकें बंद।
८- प्यार की प्यास
दहकता पलाश
बसंत साथ ।
९- महुआ फूला
मादक भरी गंध
रितु प्यार की।
१०- बदरा घिरे
अंग-अंग महका
मोर चहका।