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अँगुली पर नाचता कलाकार / सरदार सोभा सिंह
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अँगुली पर नाचता कलाकार
पत्थरों पर भी
साम्प्रदायिक रंग
कलाओं के गले में तावीत (तावीज़)
तेरी शान घटाई
आडम्बरों ने
हा-हा अभागे देश!
यमुना निहारता
होता है गद-गद
चीर कर हृदय शून्य का
तुम हो किसी धनी की अँगुली
पर नाचते कलाकार.