अंखियाँ मिला के अंखियाँ रोयें दिन रतियाँ / मोती बी.ए.
अखियाँ मिला के अखियाँ
अखियाँ मिला के अखियाँ
रोयें दिन रतियाँ
होय न भूलें बतियाँ
भूलें न सुरतिया हो तोहार
किया था भरोसा तुम पे, तुम्हीं ने भुलाया मुझको
तुम्हीं ने हँसाया पिया तुम्हीं ने रुलाया मुझको
ओ तुम्हीं ने हँसाया पिया तुम्हीं ने रुलाया मुझको
तोहरे हीं ख़ातिर सजना
हुई मैं बावरिया
हो संवरिया मोरे निरखूँ डगरिया मैं तोहार
पी पी पी पुकारूँ रो रो
रहिया निहारूँ पिया
हारी समझा समझा के
मन ना मनाये जिया
ओ मन ना मनाये जिया
दिल में समा के बलमा
जिया भरमा के
हो बना के अपना छतिया पे मारे वो कटार
दुनिया मिटाने थी तो दुनिया बसाई क्यूँ थी
नदिया किनारे अखियाँ हमसे मिलाईं क्यूँ थी
ओ नदिया किनारे अखियाँ हमसे मिलाईं क्यूँ थी
कछु न सुहावे मोहे
चैन नहीं आवे
ओ बुलावे तोहे अखियाँ बहावें जल की धार