भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंतस रो च्यानणों / मोनिका शर्मा
Kavita Kosh से
अंतस रा च्यानणां रो
कोई अेनाण-सैनाण
कोनी होवै
ओ तो ब्योवार में दिखै
जद मिनख धार लेवै
मिनखपणां रो
मान करण री।