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अइ तरह से बात / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
Kavita Kosh से
अइ तरह से बात समझाएल गेल।
नेकी दीवाल में दफनाएल गेल॥
झूठ-बात सीना तान के खड़ा रहल।
सांच फेरू से अजमाएल गेल॥
मूक बन बइठल रहलन भीस्म फेनू।
द्रौपदी के चीर खिंचवाएल गेल॥
अप्पन समझ के खा गेल जनता के धन।
इल्जाम एगो चाल बताएल गेल॥
हम भरोसा के लेली तोरा पर।
त फेनू से हमरा भरमाएल गेल॥