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अख़्तर होश्यारपुरी
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अख़्तर होश्यारपुरी
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जन्म | |
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विविध | |
जीवन परिचय | |
अख़्तर होश्यारपुरी / परिचय |
ग़ज़लें
- आँधी में चराग़ जल रहे हैं / अख़्तर होश्यारपुरी
- हम अक्सर तीरगी में अपने पीछे छुप गए हैं / अख़्तर होश्यारपुरी
- जो मुझ को देख के कल रात रो पड़ा था बहुत / अख़्तर होश्यारपुरी
- ख़्वाब-महल में कौन सर-ए-शाम आ कर पत्थर मारता है / अख़्तर होश्यारपुरी
- ख़्वाहिशें इतनी बढ़ीं इंसान आधा रह गया / अख़्तर होश्यारपुरी
- किसे ख़बर जब मैं शहर-ए-जाँ से गुज़र रहा था / अख़्तर होश्यारपुरी
- क्या पूछते हो मुझ से कि मैं किस नगर का था / अख़्तर होश्यारपुरी
- मंज़िलों के फ़ासले दीवार-ओ-दर में रह गए / अख़्तर होश्यारपुरी
- मेरे लहू में उस ने नया रंग भर दिया / अख़्तर होश्यारपुरी
- थी तितलियों के तआक़ुब में ज़िंदगी मेरी / अख़्तर होश्यारपुरी
- तिलिस्म-ए-गुम्बद-ए-बे-दर किसी पे वा न हुआ / अख़्तर होश्यारपुरी
- उफ़ुक़ उफ़़ुक़ नए सूरज निकलते रहते हैं / अख़्तर होश्यारपुरी
- वो रतजगा था कि अफ़्सून-ए-ख़्वाब तारी था / अख़्तर होश्यारपुरी
- ज़मीन पर ही रहे आसमाँ के होते हुए / अख़्तर होश्यारपुरी