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अगर हिलायी दुम न आपने होगा बायकाट डियर / अशोक अंजुम

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अगर हिलायी दुम न आपने होगा बायकाट डियर!
पलक झपकते हो जाएगी खड़ी आपकी खाट डियर!

गुण्डा कहते हो तुम इनको, मरवाओगे, चुप्प रहो,
आज़ादी के बाद से अपने ये ही हैं सम्राट डियर!

लाल क़िले और ताजमहल की हमीं करेंगे नीलामी,
मौक़ा पाकर बेच डालना तुम अशोक की लाट डियर!

बागडोर सौंपी थी हमने जिनको बड़े भरोसे से,
वही व्यवस्थापक बनने पर गए व्यवस्था चाट डियर!

कल तक नाक रगड़ने वालों को अब देखा तो समझे,
पाकर कुर्सी मरघिल्ले भी बन जाते खुर्राट डियर!