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अगर / अरविंद बख्शी
Kavita Kosh से
अगर उन्हें आवाज मिले तो
क्या बोलेंगे फूल,
सबसे पहले वह बोलेंगे
हमें तोड़ना भूल।
अगर उन्हें उड़ना आ जाता
काँटा क्या कर पाते,
मधुमक्खी सा डंक चुभोकर
सबको मज़ा चखाते।
अगर भागना उनको आता
पौधे ये कर जाते,
आता हुआ देख दुश्मन को
झट से रेस लगाते।