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अग्रजक स्वागत / महाप्रकाश

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अबैत जाउ हे अग्रज लोकनि, अबैत जाउ
अहांक स्वागत अछि, अबैत जाउ
मुदा, अहाँ अपन उपदेशक पेटार बन्न राखू
हमरा नहि चाही अहांक पैर अथवा मुट्ठी
हम अपनहि पैरे नापब देश-कोस
हमरा अपनहि मुट्ठी मे अछि काल खण्डक मानचित्र
हम अपनहि हाथें टोबैत छी, टोबैत रहब प्राणशिरा
अबैत जाउ हे अग्रज लोकनि, अबैत जाउ
माथ परक छत्ता अहांक अपन नहि छी
ओहिमे अहां नहि अंटि सकब
ओकर कमानी टूटल आ कपड़ा फाटल अछि
गसियाक’ धएने रौदमे, बरखामे ओ
नहि बांचत
अन्हड़मे उड़िया जाएत
ओ बड़ ओछ अछि
अबैत जाउ हे अग्रज लोकनि, अबैत जाऊ
कोनो अहिंसात्मक शब्दकें
गलित-शब्द-लहास कें
भोंकैत रहला-सँ कोरामिन
सुँघबैत रहलासँ ऑक्सीजन
ओ कपोत जकाँ नहि उड़ि सकत
नील उन्मुक्त आकाशमें
ओ फाटल फुकना जकां लुद द’ बैसि रहत
अबैत आउ हे अग्रज लोकनि, अबैत आउ।
बिहड़िमे जुनि नुकाउ
ओ सड़ि गेल अछि आबि रहल अछि दुर्गंध
लोहक टोप उतारि लिअ’
भरिया’ गेल होऐत माथ
देबालक ओहि पार जुनि आउ
लोह भ’ जायत गात
लोह कटैत अछि छेनीसँ
चोट पड़ैत छै हथौड़ासँ
अखन हमरा हाथमे कागत अछि
अखन हमरा हाथमे कलम अछि
अबैत जाउ हे अग्रज लोकनि, अबैत आउ
-अहांक स्वागत अछि।