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अधूरी जीत / चन्द्र गुरुङ
Kavita Kosh से
रणभूमि में
छोड़ आए हैं क्षतविक्षत लाशें
छोड़ आए हैं करुण क्रंदन
छोड आए हैं वीभत्स दृश्य
रणभूमि से
आए हैं ओढ़कर विजेता का नकाब
आए हैं लिए जीत की उमंग
आए हैं सम्भालते हुए हर्षोल्लास
रणभूमि से
वापस आए हैं जीतकर विशाल देश–प्रदेश
वापस आए हैं जीतकर अन्य सरकार को
वापस आए हैं जीतकर ऐश्वर्य
पर अभी तक जीत नहीं पाया है
अनेकों दिलों का साम्राज्य।