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अनुमति पत्र / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
जब फैलता है दंगा
कुछ ही के पास होते हैं
अनुमति पत्र
बांटते हुए रोटी और कपड़े
वहीं बांटते हैं हथियार
और निकल जाते हैं
उस मोहल्ले की तरफ
जहां अभी तक शांति है