Last modified on 25 अक्टूबर 2018, at 18:35

अपनी ज़िल्लत मेरे सर दे मारी भी / जंगवीर स‍िंंह 'राकेश'

अपनी ज़िल्लत मेरे सर दे मारी भी
और बची बाकी तुझमें ख़ुद्दारी भी

एक तो मैं पहले ही पगला लड़का था
और लगा ली इश्क़ की इक बीमारी भी

चल दूर ले चल यार मुझे मैख़ाने से
मुझमें ये फ़न है और यही दुश्वारी भी

तुमने पहले इश्क़ सिखाया था मुझको
तुम ही पहले कर बैठे गद्दारी भी

यारो में कुछ ही होते हैं सच्चे यार
सबके बस की बात नही है यारी भी