Last modified on 13 मार्च 2018, at 20:14

अपने साये से जो डर जाऊँगी मैं / रंजना वर्मा

अपने साये से जो डर जाऊँगी मैं
तेरी यादों से गुजर जाऊँगी मैं

कोई अरमान सिर उठाये अगर
उसकी आहट से ही मर जाऊँगी मैं

मेरे वादे पर तू यक़ीन तो कर
सोच मत ये कि मुकर जाऊँगी मैं

तेरी यादों का बना गुलदस्ता
तेरी राहों में बिखर जाऊँगी मैं

तेरे एहसास की खुशबू जो मिले
साँस बन तेरी सँवर जाऊँगी मैं

यूँ तो जाना है बहुत दूर मगर
तू जो आये तो ठहर जाऊँगी मैं

तूने तो साथ मेरा छोड़ दिया
ये बता दे कि किधर जाऊँगी मैं