अबै अठै सूं आगै कांई ठा
कुण चालैला सागै कांई ठा
आंख्यां च्यार कर चैन सोधै हो
रात-रात क्यूं जागै कांई ठा
कठैई हार नीं जावां बाजी
ऐडो नित क्यूं लागै कांई ठा
सांस सूं कंवळो हुवता थकां ई
कद बांध्यो ईं धागै कांई ठा
आं सांसां में ऊगै अगन-बिरख
पछै डर किंयां भागै कांई ठा