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अब कभी बेक़रार मत करना / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
अब कभी बेक़रार मत करना
झूठ पर ऐतबार मत करना
जिंदगी चंद घड़ी की पायी
सिर्फ अब इंतज़ार मत करना
ग़म बहुत जिंदगी में आयेंगे
पर खुशी को उधार मत करना
प्यार पर वश तो है नहीं फिर भी
बेवफ़ा हो तो प्यार मत करना
जो गरीबी में दिन गुजार रहे
जिंदगी उनकी ख़्वार मत करना
माँ बहन बन के जो है साथ तेरे
उन से झूठा क़रार मत करना
तोड़ लेना नहीं कली कोई
रौशनी दाग़दार मत करना