भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अब किसे प्रार्थना करूँ / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
हर कृति में क्या
अपने ही को रचता है बारम्बार
हर कृतिकार ?
किस नने रचे ये खंडहर ?
पर काल स्वंय किस का खंडहर हैं ?
हे, ईश्वर
अब किसे प्रार्थना करूँ
तुम्हारे लिए ?
(1991)