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अब जुदाई न कर ख़ुदा सूँ डर / वली दक्कनी
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अब जुदाई न कर ख़ुदा सूँ डर
बेवफ़ाई न कर ख़ूदा सूँ डर
रास्त कैशाँ सूँ ऐ कमाल अबरू
कज अदाई न कर खुदा सूँ डर
मत तग़ाफ़ुल कूँ राह दे ऐ शोख़
जगहँसाई न कर खुदा सूँ डर
है जुदाई में ज़िदगी मुश्किल
आ, जुदाई न कर खुदा सूँ डर
आशिक़ाँ कूँ खहीद कर के सनम
कफ़हिनाई न कर खुदा सूँ डर
आरसी देखकर न हो मग़रूर
ख़ुदनुमाई न कर खुदा सूँ डर
उस सूँ जो आशना-ए-दर्द नहीं
आशनाई न कर खुदा सूँ डर
रंग-ए-आशिक़ ग़ज़ब सूँ ऐ जा़लिम
कुहरबाई न कर खुदा सूँ डर
ऐ 'वली' ग़ैर-ए-आस्ताना-ए-यार
जुब्बा साई न कर खुदा सूँ डर