Last modified on 6 मार्च 2017, at 10:45

अब लगन लगी कीह करीए / बुल्ले शाह

अब लगन लगी कीह<ref>क्या</ref> करीए?
ना जी सकिए ते ना मरीए!

तुम सुनो हमारी बैना<ref>विनती</ref>,
मोहे रात दिने नहीं चैना,
हुण प्री<ref>प्रियतम</ref> बिन पलक न सरीए।
अब लगन लगी कीह करीए?

एह एगन बिरहे दी जारी,
कोई हमरी प्रीत निवारी,
बिन दरशन कैसे तरीए?
अब लगन लगी कीह करीए?

बुल्ले पई मुसीबत भारी,
कोई करो हमारी कारी,
एह अजिहे दुख कैसे जरीए?
अब लगन लगी कीह करीए?
ना जी सकिए ते ना मरीए।
अब लगन लगी कीह करीए?

शब्दार्थ
<references/>