अभिनेत्री / शहंशाह आलम
एक अभिनेत्री प्रकट होती है
एकदम बम्बइया
एकदम बाज़ारू
कई-कई मूल्यवृद्धि वाली
इस व्यवस्था को
इस जनतन्त्र को
नकारती दुत्कारती फटकारती
एक अभिनेत्री घुसती है
हमारी आँखों की नींद के सपने में
बिना किसी खींचातानी के
जैसे कोई चिड़िया घुस आती है
एकदम आतुर
हमारे कमरे में
एक अभिनेत्री तब भी कर रही होती है
अठखेलियाँ दृश्यपटल पर
सौ बार जलती और बुझती है
जब किया जा रहा होता है
नाभिकीय करार दो सरकारों के बीच
जब हमारे दुश्मन खोद रहे होते है क़ब्र
जब पिता के लिए ला रहे होते हैं
हम दवाइयाँ पैसे बचा-बचाकर
एक अभिनेत्री अपना ऐतिहासिक
नृत्य दिखलाती है तब भी
जब हम मना रहे होते हैं
अपनी नाराज़ प्रेमिका को
तब भी जब हम मार भगा रहे होते हैं
पेड़ काटने वालों को
तब भी जब हम इकट्ठा कर रहे होते है
रेशम का कीड़ा
आग पानी और हवा
और हमारे-तुम्हारे प्रेमपत्र ....
एक अभिनेत्री प्रेमालाप कर रही होती है
जब तुम-हम रोटी के लिए लड़ रहे होते हैं
अपनी मुक्ति का सपना देख रहे होते हैं
अथवा तेज़ हथियार ढूँढ़ रहे होते हैं
अपने अमात्य-महामात्य को
मार भगाने के लिए !