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अम्माँ बाबे दी भलिआई / बुल्ले शाह

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अम्माँ बाबे दी भलेआई, ओह हुण कम्म असाड़े आई।
अम्माँ बाबा चोर दो राहाँ दे, पुत्तर दी वडेआई।
दाणे उत्तों गुत्त बिगुत्तीघ्ज्ञर घर पई लड़ाई।
असाँ कज्जीए तदाहींजाले, जहाँ कणक आहना टरघाई।
खाए खैराँ ते फाटीए जुम्माँ, लटी दस्तक लाई।
बुल्ला तोते मार बागाँ थीं कड्ढे, उल्लू रहण उस जाई।
अम्माँ बाबे दी भलेआई, ओह हुण कम्म असाड़े आई।

शब्दार्थ
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