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अयोध्या-9 / सुधीर सक्सेना

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अयोध्या में फूल खिलते हैं
माला गूँथते हैं अब्दुल्ला और ख़ुदाबख़्श
अयोध्या में विचरते हैं खड़ाऊ
खड़ाऊ बनाते हैं फ़जलू और रफ़ीक
अयोध्या में गन्ध उड़ती है
इत्र बनाते हैं शफ़ीकुर्रहमान
अयोध्या में जन्मे और अयोध्या के सुपुर्दे-ख़ाक हुए अब्दुल्ला, ख़ुदाबख़्श
फ़जलू, रफ़ीक और शफ़ीकुर्रहमान के पुरखे

फूलों के होने से अयोध्या है अयोध्या
इत्र से महमह है अयोध्या की हवा
और खड़ाऊ
बिना खड़ाऊ के शोभा नहीं देते
राम जी की अयोध्या के पाँव