Last modified on 1 अक्टूबर 2009, at 14:35

अरे है वह शरणस्थल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन

अरे है वह शरणस्थल कहाँ?

जीवन एक समर है सचमुच,
पर इसके अतिरिक्त बहुत कुछ,
योद्धा भी खोजा करता है
कुछ पल को वह ठौर युद्ध की प्रतिध्वनि नहीं जहाँ।
अरे है वह शरणस्थल कहाँ?

जीवन एक सफ़र है सचमुच,
पर इसके अतिरिक्त बहुत कुछ,
यात्री भी खोजा करता है
कुछ पल को वह ठौर प्रगति यात्रा की नहीं जहाँ।
अरे है वह शरणस्थल कहाँ?

जीवन एक गीत है सचमुच,
पर इसके अतिरिक्त बहुत कुछ,
गायक भी खोजा करता है
कुछ पल को वह ठौर मूकता भंग न होती जहाँ।
अरे है वह शरणस्थल कहाँ?