अलग-अलग दिखते हैं शहर सब
अलग हैं लोग और घर, स्मारक ।
एक समान होते हैं सदा, बस,
सारे कवि, विद्यार्थी, बालक ।
कहीं भी हों दुनिया में चाहे
मुझे हैं प्यारे इसी वजह से
मेरे देशवासी हों मानो
सारे कवि, विद्यार्थी, बच्चे ।
रूसी भाषा से अनुवाद : साबिर सिद्दीक़ी