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अलविदा और सलाम / भारत यायावर
Kavita Kosh से
अलविदा!
मेरे देश की महान गौरवशाली परंपरा
सुख-समृद्धि
मान-सम्मान
नैतिकता-सच्चाई
प्यार-सौहार्द्र-ईमानदारी
अलविदा!
अलविदा बुद्ध
अलविदा कबीर
अलविदा गांधी
अलविदा साहस
अलविदा शौर्य
अलविदा देशभक्ति
अलविदा बन्धुत्व
बढ़ती आबादी
बढ़ती बेरोजगारी
भूख-विपन्नता महामारी
सलाम!
भ्रष्टाचार-पतनशीलता
लूट बलात्कार
दंगे-मारकाट
अन्याय-अनाचार
पाप-दुराचार
भोग-वासना
स्वार्थ की साधना
सलाम!
हे भूमण्डलीकरण
हे डंकन-गेट
हे बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ
हे नव साम्राज्यवाद
हे आतंकवाद
हे परमाणु बम
हे हिरोशिमा-नागासाकी
हे अमेरिका, हे ब्रिटेन
हे डालर, हे पाउन्ड
सलाम
हे दल
दल में दल
दल-दल
हे भ्रष्टतंत्र के छल
हे चोरों की बारात
चारों ओर काली रात
सलाम!
(रचनाकाल : 1999)