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अवगाहन / तसलीमा नसरीन

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मुझे भला क्या ज़रूरत किसी चीज़ की
अगर तुम्हें पा लूँ
जी करता है पैरों के पास आकर ठहर जाए शीतल नदी
और मैं खो जाऊँ

मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार