अवाँ गार्द उर्फ़ अपने को ग़ारत करनेवालों से / अजित कुमार
ज़रा जान लें हम भी : आपने, जी हाँ, आपने क्या किया ?
विद्रोह किया । -जिसे मौज में आकर, आप कहते थे
कभी-कभी : विद्रोह दिया । -और पहला, महज़ पहला
मौक़ा मिलते ही सुविधा या नौकरी या दावत या ताक़त
हथिया ली ।
इस बार विद्रोह का स्वर आपने कुछ और ऊँचा कर दिया—अधिक
सुविधा, बड़ी नौकरी, बेहतर दावत, ज़्यादा ताक़त : सब-का-सब एक साथ पाने, हथियाने के लिए ।
आपने क्या साबित किया ?
यही न । कि जो जितना ज़्यादा शोर मचाता है, वह
उतना ही बड़ा चोर है । फिर आप—शोर को चोर बता-कर—चुप हो गए : कलाकार की गरिमा और अपनी बढती हुई महिमा की रक्षा के हित में । -वह था एक फूलता हुआ बैंक खाता ।
अकसर सोचते हैं लोग : आपने, जी हाँ, आपने क्या किया? पाते हैं गालियाँ । वही तो । आपने गालियाँ दीं –जो रचना के सम्भ्रान्त नाम से चलतीं, --‘कृपया अधिक से अधिक पारिश्रमिक दें‘—की चिप्पी चिपकाये फिरती थी । माँ देश भाषा भाई दवा नेता अफ़सर इतिहास जमादार बाप क़ानून मौसम गाँधी सड़क टीचर सेना बस मँहगाई योजना बाढ गरमी भुखमरी दाढी प्रकाशक दिल्ली फ़िल्म ऐक्टर अकादमी इमारत संपादक निब गोबध आज फिर प्यार को बुलाता हूँ पंसारी औरत्त…
गोया वृहद शब्दकोश नामकोश ज्ञानकोश चरित्रकोश विश्वकोश में शामिल हर शब्द और उससे निकलने-न-निकलने वाले हर अर्थ को गाली दी आपने पर…
नाबदान में अटकी ईट को उठाकर आप फेंक नहीं सके :
मेहतर म्युनिसिपैलिटी मेयर मिनिस्टर के लिए मिमियाते हुए ‘मैं’
को कोसते रहे । फिर मुँह ढक के सो गए ।
अब आपसे बताता हूँ : एक बार मैंने फेंकी थी । पर वह कमबख़्त मुझी पर आके गिरी : बदबूदार घिनौनी ठस : नाबदान में अटकी हुई ईट । सनी कीचड़ से । उभरे दो अक्षर मैं किसी तरह पढ सका:
अवाँ गार्द । सेना का पहला दस्ता ।