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असम की कविता / रत्नेश कुमार

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असम ने देखा
असम ने पाया
बंगाल आया
गाल में दबाया

असम ने देखा
असम ने पाया
राजस्थान आया
जेबस्थान बनाया

असम ने देखा
असम ने पाया
बिहार आया
विकार लाया

असम ने देखा
असम ने पाया
युवजन उठा
विप्लव आया!