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अस्पताल का कमरा / लैंग्स्टन ह्यूज़ / मणिमोहन मेहता
Kavita Kosh से
कितनी ख़ामोशी है
यहाँ
इस बीमार कमरे में
जहाँ बिस्तर पर
एक ख़ामोश स्त्री
लेटी हुई है
जीवन और मृत्यु नामक
दो
प्रेमियों के बीच
और तीनों के ऊपर
पड़ी हुई है
दर्द की एक चादर।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन