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अहाँ / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
अहाँ
पिबैत रहू
पीड़ाकंे शरबत जकाँ
तकैत रहू
सौन्दर्यकें चकोर जकाँ
बरसैत रहू
बरखाक बुन्न जकाँ
नचैत रहू
मयूर जकाँ
जमैत रहू
बरफ जकाँ
सिहकैत रहू
बसात जकाँ
फुलाइत रहू
गुलाब जकाँ।