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अेक सौ साठ / प्रमोद कुमार शर्मा

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हर बारणै ऊपर
बिराजो आप गणपति नाथ
-जोड़ूं हाथ
टाबरी मुलक री सवाई राखो
मन मांय गरीबां री सुणवाई राखो
दुष्टां नैं राखो दूर सज्जनां री ड्यौढी सूं
महाजनां नैं मिलाय देवो हर री पौढी सूं
राजी व्हैज्यो आप दो ताणा भात सूं
म्हारी मायड़ भाखा भी अडीकै
-आपरो साथ
-जोड़ूं हाथ।