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आओ, प्यारे चंदा / अनुभूति गुप्ता
Kavita Kosh से
आओ, प्यारे चंदा आओ,
मेरी झोली में आ जाओ।
तुम्हें झूला झुलाऊँगी मैं,
हलवा तुम्हें खिलाऊँगी मैं।
तुम बिन मेरा आँगन,
उजियारा है बहुत अधूरा।
मन-आंगन को मेरे,
तुम आकर कर दो पूरा।
आओ, प्यारे चंदा आओ,
दीया-बाती तुम बन जाओ।