भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आओ बतियाओ मम्मी / मेराज रज़ा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

करो नहीं जी कुट्टी हमसे,
आओ बतियाओ मम्मी!

की गलती जो मैने उसकी,
सजा नहीं ये दो ना!
लगती बातें भली आपकी,
गुमशुम चुप बैठो ना!
मुझे बिठा गोदी में अपनी,
मुझको समझाओ मम्मी!

जानबूझ ना करना चाहूं,
गलती हो जाती है!
आप बताओ भला किसी को,
गलतियां सुहाती है?
माना हुई तकलीफ आपको,
अभी मुस्कुराओ मम्मी!

अरे आप हो प्यारी मम्मी,
मैं हूं बिटिया रानी!
वादा है जी नहीं करूंगी,
अब कोई शैतानी!
मीठा-मीठा गीत सुनाओ,
रस बरसाओ मम्मी!