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आक्रामक प्रेम / हैरिएट अनेना / श्रीविलास सिंह

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हमने किया प्रेम आक्रामक तरीके से
हम रोये और हमने चुम्बन लिया एक ही समय
जब हमारे सीनों ने भर गयी सांस एक साथ चाहत और संकोच की
हमें हुई अतिरेक की अनुभूति
जाने की स्वर्ग और नर्क में एक ही समय
जब हमारी सुलह में था निराशा और सामूहिकता का रक्त
और हम में थी ऊष्मा
जैसे कोई गाय हो संघर्षरत किसी
कृत्रिम उत्तेजक की खुराक से
फिर हम रुक गए, सांस ली हमने और
विजय पाई अपने भीतर की
इन हिंसक चीजों पर।