Last modified on 23 अक्टूबर 2011, at 12:36

आखर री औकात, पृष्ठ- 41 / सांवर दइया

हवा अचेत
कठैई खुड़को नीं
बै बूंट बाजै
०००

काळै दिनां में
सांस तकात लेणी
बांनै पूछ’र
०००

रोक टोक नीं
म्हांरै खातर करो
सौ खून माफ
०००

उजास लाध्यो
भागी हुवैला भाई
म्हे अंधारै में
०००

खेतां ऊपर
बाड़ ई मारै घाड़ो
बगत माड़ो
०००